इंडियन सिनेमा:ऐसे बने अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के एंग्री यंगमैन
- Rkz Theatre Acting Tips
- Jan 28, 2018
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अभिनय की दुनिया के बादशाह कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन की कामयाबी के पीछे प्रकाश मेहरा की एक्शन फिल्म जंजीर का बहुत बड़ा योगदान है। कहा जाता है यदि जंजीर फिल्म नहीं होती तो बीग बी की किस्मत का सितारा शिखर पर न होता।
फिल्मों में लगातार असफलता का सामना करने के बाद जंजीर फिल्म से उन्हें ऐसी कामयाबी मिली जिसकी कल्पना शायद वे सपने में भी नहीं कर सकते थे। ये वो फिल्म थी जिसके बाद अमिताभ को एंग्री यंगमैन कहा जाने लगा था। अमिताभ बच्चन से पहले निर्देशक प्रकाश मेहरा ने धर्मेंद्र, दिलीप कुमार और देवानंद जैसे मंझे हुए कलाकारों को विजय के किरदार के लिए ऑफर दिया था।
फिल्म के लेखक सलीम-जावेद के मुताबिक विजय के किरदार के लिए धर्मेंद्र पहली पसंद थे जो फिल्म में काम करने के लिए राजी भी हो गए थे। खबर थी कि धर्मेंद के भाई अजीत देओल जंजीर फिल्म में सह-निर्माता होंगे। इसी बीच निर्देशक प्रकाश मेहरा के साथ किसी बात को लेकर अजीत की असहमती हुई और फिर धर्मेंद ने फिल्म में काम करने से मना कर दिया।
धर्मेंद के बाद जिस दूसरे एक्टर को जंजीर फिल्म में लीड रोड के लिए ऑफर किया गया वो कोई औऱ नहीं बल्कि दिलीप कुमार थे। उन्हें स्क्रिप्ट तो अच्छी लगी मगर अभिनेता के तौर पर अधिक संभावनाएं नहीं दिखी। सलीम खान के मुताबिक दिलीप कुमार को अपने करियर में जिन तीन फिल्मों को ठुकराने का अफसोस रहा है, जंजीर भी उनमें से एक है।
विजय के किरदार की तलाश अभी जारी ही थी कि प्रकाश मेहरा ने शेर खान के रोल के लिए प्राण को साइन कर लिया। उन्हें लगा कि शेर खान के किरदार के लिए प्राण जितने फिट बैठेंगे उतने शायद कोई और न हों। फिल्म का हिस्सा बन चुके प्राण ने निर्देशक प्रकाश मेहरा को विजय वाले किरदार के लिए देवानंद का सुझाव देते हुए फिल्म के लेखक सलीम-जावेद के साथ उनकी एक मिटिंग फिक्स की। देवानंद ने स्क्रिप्ट सुनी और कुछ बदलावों का सुझाव दिया। देव साहब चाहते थे कि फिल्म में कोई रोमांटिक दृष्य हो लेकिन फिल्म के लेखक हर हाल में मौजूदा स्क्रिप्ट पर ही काम करना चाहते थे।
जब बात देवानंद से भी नहीं बनी तब सलीम जावेद ने सोचा कि क्यों न हम विजय वाले किरदार के लिए किसी नए चेहरे को ले। ऐसा कहते ही जो पहला नाम उनके जेहन में आया वो था अमिताभ बच्चन का। सलीम-जावेद ने निर्देशक प्रकाश मेहरा से कहा कि हमे अमिताभ बच्चन का स्क्रिन टेस्ट कर के देखना चाहिए।
अमिताभ के चयन को लेकर एक तरफ जहां फिल्म के लेखक सलीम-जावेद आत्मविश्वास से लबरेज थे वहीं निर्देशक प्रकाश मेहरा के जेहन में शंका थी। इस बीच प्राण बॉम्बे टू गोवा फिल्म में अमिताभ के अभिनय का उदहारण देते हुए निर्देशक को समझाने की कोशिश करने लग गए। सलीम-जावेद और प्राण के काफी समझाने के बाद निर्देशक अमिताभ को साइन करने के लिए राजी हो गए।
फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफल हुई और लगातार असफल फिल्मों के जरीए निराशाओं का सामना करने वाले अमिताभ ने पहली बार इतनी सफल फिल्म का स्वाद चखा।
By- Prince Kumar Mukherjee

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